महाराष्ट्र में हादसे से उठते सवाल


महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मध्य प्रदेश के मजदूरों के साथ जो हादसा हुआ है, उससे कई सवाल खड़े होते हैं। महाराष्ट्र ऐसे भी कोरोना महामारी से सर्वाधिक पीड़ित हैं। वहां पर मजदूर और कामगार भी सबसे ज्यादा फंसे हुए हैंअभी 3 मई से पहले जब लॉकडाउन उठाने की संभावना जताया जा रही थी. तब मंबई के एक रेलवे स्टेशन पर हजारों की संख्या में मजदूर जमा हो गये थे। यहां पर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के सबसे ज्यादा मजदूर हैं और उन्हें अपने-अपने राज्य में लौटना है। कई राज्यों ने मजदूरों को अपने यहां बुलाने की व्यवस्था ट्रेन के माध्यम से की है लेकिन मजदूरों को सरकार के आश्वासन पर भरोसा क्यों नहीं हो रहा है? सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा लोग पैदल ही पूरी कर रहे हैं। औरंगाबाद में प्रवासी मजदूर भुसावल की ओर पैदल ही जा रहे थे। थकान की वजह से ये मजदूर पटरी पर आराम करने लगे। सुबह उनकी आंख लग गयी ओर मालगाड़ी ने उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इससे एक तरफरेलवे की लापरवाही भी नजर आ रही है जिसका एक विभाग रेलपटरियों की देखभाल करता रहता है। ऐसी लापरवाही से बड़ी रेलदुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। औरंगाबाद से मध्य प्रदेश के करीब 20 मजदूर अपने घर जाने के लिए निकले थे। ये मजदूर करीब 35 किमी. तक पैदल चलते रहे। इस बीच किसी अधिकारी ने उनसे यह क्यों नहीं पछा कि आप लोग कहां जा रहे हैं? उनको भुसावल तक भेजने की व्यवस्था अगर हो जाती तो शायद यह हादसा न होता। बहरहाल, रेलमंत्रालय ने इस हादसे की जांच के आदेश दिये हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने घटना पर शोक जताया है। महाराष्ट्र में 8 मई को तड़के एक दर्दनाक हादसे में औरंगाबाद के पास बदनापुर करमाड रेलखंड में एक मालगाड़ी से कट कर 16 मजदूरों की मौत हो गयी। रेलवे के सूत्रों ने बताया कि सुबह पांच बज कर 22 मिनट पर चेर्लापल्ली को जा रही एक मालगाड़ी के लोकोपायलट ने सूचित किया कि नांदेड़ मंडल के अंतर्गत बदनापुर से करमाड के बीच किलोमीटर संख्या 1394 पर 15 से 20 लोग ट्रैक पर सो रहे थे जिनमें से ट्रेन के नीचे आकर 14 लोगों की मौत हो गयी है और दो लोग घायल हो गये हैं। बाद में एक घायल ने उपचार के दौरान दम तोड़ दियाइस दर्दनाक हादसे पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मध्यप्रदेश के मख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सूत्रों ने बताया कि ये लोग मध्यप्रदेश के उमरिया एवं शहडोल जिले के मजदूर थे जो जालना में एसआरजी कंपनी में काम करते थे। ये लोग गत 7 मई शाम सात बजे पैदल ही जालना से निकले थे। वे बदनापुर तक सड़क मार्ग पर चलते हुए आये थे और बाद में औरंगाबाद की ओर रेलवे ट्रैक के किनारे चलने लगे। करीब 36 किलोमीटर तक चलने के बाद वे बहुत थक गये और ट्रैक पर कुछ देर विश्राम करने के लिए बैठ गये। बाद में उन्हें गहरी नींद आ गयी। इनमें से 14 लोग ट्रैक पर सो गये. दो लोग ट्रैक के बिल्कुल समीप लेट गये जबकि तीन लोग ट्रैक से दूर लेटे थे। सबेरे पांच बजे के बाद जब वहां से मालगाड़ी गुजरी तो ट्रैक पर लेट 14 मजदूरों की कट कर घटनास्थल पर ही मौत हो गयी जबकि ट्रैक के समीप लेटे दोनों मजदूर बुरी तरह से जख्मी हो गये जिन्हें बाद में औरंगाबाद जिले के घाटी स्थित सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। दोनों घायलों में से एक की उपचार के दौरान मौत हो गयी। पटरी से दूर लेटे तीनों लोग जीवित हैं। घटना की जानकारी मिलते ही रेल सुरक्षा बल के उप सुरक्षा आयुक्त, स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गये। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच तथा घायल मजदूर के उपचार के हरसंभव जरूरत का ध्यान रखने के आदेश दिये हैं। श्री गोयल ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हादसे की सूचना मिलते ही रेल मंत्री श्री गोयल से फेन पर चर्चा की और मृतक मजदूरों के परिवार को 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा की है। सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार औरंगाबाद एक विशेष विमान और टीम भेज रही है जो कि घायल मजदूर के उपचार और मृतक मजदूरों के पार्थिव शरीर को उनके घर पहुंचाने समुचित व्यवस्था करेगी। श्री चौहान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच तथा घायल मजदूर के उपचार के हरसंभव जरूरत का ध्यान रखने के आदेश दिये हैं। श्री गोयल ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हादसे की सूचना मिलते ही रेल मंत्री श्री गोयल से फेन पर चर्चा की और मृतक मजदूरों के परिवार को 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा की है। सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार औरंगाबाद एक विशेष विमान और टीम भेज रही है जो कि घायल मजदूर के उपचार और मृतक मजदूरों के पार्थिव शरीर को उनके घर पहुंचाने समुचित व्यवस्था करेगीश्री चौहान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे में मारे गए लोगों के प्रति गहरा दुख व्यक्त करते हुए हर संभव सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिये हैं। मोदी ने ट्वीट कर इस हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात कर हादसे की जानकारी ली और हर संभव मदद उपलब्ध कराने के लिये कहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी महाराष्ट्र के औरंगाबाद के निकट हुए रेल हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। श्री कोविंद ने ट्वीट करके कहा, महाराष्ट्र में औरंगाबाद के निकट रेलवे ट्रैक दुर्घटना में लोगों के हताहत होने के बारे में जानकर गहरा दुरूख हुआ है, जिसे मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। उन्होंने लिखा है, हमारी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है। घायलों के यथाशीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण देशभर में मजदूर फंस गए थे. कई जगह से हजारों की संख्या में मजदूर पैदल ही अपने गांव-घर की ओर निकल रहे थे. ऐसे में रात को रुकने के लिए सैकड़ों मजदूरों ने रेलवे ट्रैक का सहारा लिया। बीते दिनों केंद्र सरकार की ओर से मजदूरों को उनके राज्य वापस भेजने की इजाजत दे दी गई थी. जिसके बाद राज्य सरकारों ने बसों की व्यवस्था कर अपने मजदूरों को बुलाया. इसके अलावा रेलवे की ओर से स्पेशल श्रमिक ट्रेन भी चलाई गई हैं, जो मजदूरों को उनके राज्य पहुंचा रही हैं। लॉकडाउन का जब पहली बार ऐलान हुआ था, उसके बाद से ही लाखों की संख्या में मजदूर जहां पर थे, वहां फंस गए थे. खाने, रोजगार की चिंता में लिप्त मजदूर पैदल ही अपने गांवों की ओर चल दिए थे, इसके पहले भी रास्ते में हुए कुछ एक्सिडेंट में प्रवासी मजदूर अपनी जान बीते दिनों गंवा चुके हैं. गौरतलब है कि देश के अलगअलग हिस्सों में अब राज्य सरकारों की ओर से की गई सिफरिश पर स्पेशल श्रमिक ट्रेन चलवाई जा रही है. इस दौरान राज्य सरकारों की ओर से जो लिस्ट दी जा रही है उन्हें ही ट्रेन में सफर करने की इजाजत दी जा रही है। (अशोक त्रिपाठी-हिफ)